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Haryana tobacco ban; चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य एवं औषधि विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब इन उत्पादों का निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पूरी तरह से रोक दी गई है। यही नहीं, सरकार ने सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर प्रतिबंध के बावजूद अगर कोई इन्हें बेचता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने यह कदम हरियाणा में बढ़ते कैंसर के मरीजों के आंकड़े को देखते हुए उठाया गया है, क्योंकि तंबाकू और निकोटिन वाले उत्पाद मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। केंद्र सरकार पहले ही 2011 में तंबाकू और निकोटिन वाले उत्पादों पर बैन लगा चुकी है। अब हरियाणा सरकार ने भी इन्हें एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य लोगों को तंबाकू और निकोटिन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य खतरों से बचाना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि तंबाकू उत्पाद कैंसर, हृदय रोग, श्वसन संबंधी बीमारियों और नशे की लत जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बनते हैं।
हरियाणा में कैंसर मरीजों के बढ़ते आंकड़े इस फैसले की सबसे बड़ी वजह बने हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, गुटखा और तंबाकू उत्पादों में निकोटिन, भारी धातुएं और हानिकारक रसायन होते हैं। लंबे समय तक सेवन से मुंह, गला, फेफड़े और शरीर के अन्य अंगों में कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि न केवल बिक्री, बल्कि अब इन उत्पादों को स्टोर (भंडारण) करना भी अपराध माना जाएगा। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम लगातार निरीक्षण और छापेमारी करेगी।
हरियाणा सरकार ने साफ किया है कि यह फैसला लोगों के स्वास्थ्य और भविष्य को बचाने के लिए लिया गया है। तंबाकू और निकोटिन से होने वाली बीमारियां न केवल लोगों की जान ले रही हैं, बल्कि समाज और परिवारों पर भी भारी असर डाल रही हैं।