Trending
Sirsa exorcism baba controversy; हरियाणा के सिरसा जिले के हांडीखेड़ा गांव का बाबा संजय भगत इन दिनों विवादों के घेरे में है। उसपर झाड़-फूंक के नाम पर महिलाओं से अशोभनीय हरकत करने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगे हैं। हाल ही में उसका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह महिला को झाड़ा लगाने के बहाने उसकी छाती दबाता दिखाई दे रहा है। यह वीडियो सामने आने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने बाबा के खिलाफ पुलिस को शिकायत सौंपी है।
झाड़-फूंक की आड़ में ठगी का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि संजय भगत पिछले दो साल से गांव में झाड़-फूंक का काम कर रहा है। शुरुआत में वह अपने घर पर सप्ताह में दो दिन दरबार लगाता था और मोरपंख से झाड़ा लगाता था। बाद में उसने उस मोरपंख पर लाल कपड़ा लपेट दिया और चमत्कार का दावा करने लगा। ग्रामीणों के मुताबिक, वह सरसों का तेल और हजारों रुपए तक वसूलता है। पहले सवा लीटर तेल का चढ़ावा लिया जाता था, अब लोगों के घर जाकर पूजा के नाम पर 11, 21 और 31 हजार रुपए तक की मांग की जा रही है।
राजस्थान के मेहंदीपुर से भी आई थी शिकायत
संजय भगत के खिलाफ राजस्थान के मेहंदीपुर के एक युवक ने भी शिकायत दी थी। आरोप था कि उसने उपाय बताने के नाम पर पैसे लिए, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। पुलिस ने बाबा को थाने बुलाकर पूछताछ की थी, लेकिन बाद में समझौते के चलते मामला दबा दिया गया।
महिला का वीडियो बन गया विवाद का कारण
गांव में विवाद तब और बढ़ गया जब बाबा का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में वह झाड़ा लगाने के दौरान महिला के निजी अंगों को छूता दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताई और इसे महिला की गरिमा के खिलाफ बताया। हालांकि, महिला की ओर से अब तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं दी गई है।
बाबा का दावा – “मैं निर्दोष हूं”
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय भगत ने खुद को निर्दोष बताया है। उसका कहना है कि वह 7 साल की उम्र से भगवान की भक्ति कर रहा है और कई लोगों को बीमारियों से राहत दिलाई है। उसने ग्रामीणों पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया और कहा कि अगर उसकी वजह से किसी का नुकसान हुआ हो, तो वह भरपाई करने को तैयार है। बालाजी की कृपा है, और कुछ नहीं। कहा कि काफी लोगों को आराम मिला है।एक व्यक्ति की शुगर की बीमारी ठीक हो गई और कई लोगों को नशा छुड़वाया है। काम तो सभी किए हैं। खेतीबाड़ी से लेकर हेयर ड्रेसर व कबाड़ का काम। साथ में घर भी चला रहा हूं। घर चलाने के लिए काम करने पड़ते हैं। दरबार की जमीन भी सेवादार ने दी। किसी को पैसे नहीं दिए।
उधर, गांव हांडीखेड़ा में इस मामले को लेकर ग्रामीण दो धड़ों में बंट गए हैं। विरोध करने वालों का कहना है कि बाबा के दरबार में झाड़ा लगवाने के लिए दूर-दराज से लोग गाड़ियों में आते हैं और गलियों में गाड़ियां खड़ी कर देते हैं, जिससे आम ग्रामीणों को दिक्कत होती है। दूसरी ओर, बाबा के समर्थन में भी एक वर्ग सामने आया है, जो उसके दरबार को गांव से बाहर शिफ्ट करने पर सहमत है। पंचायत में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी और तय हुआ था कि बाबा गांव से दो किलोमीटर दूर दरबार लगाएगा।
पुलिस की जांच जारी
सदर थाना प्रभारी सुखबीर सिंह ने बताया कि बाबा के खिलाफ पहले भी शिकायतें आई थीं, लेकिन समझौते के चलते उन्हें वापस ले लिया गया। अब दोबारा ग्रामीणों ने लिखित शिकायत दी है, जिसकी जांच की जा रही है।