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Haryana HSSC: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ देने के लिए परिवार पहचान पत्र की जांच करने के आदेश जारी कर दिए है. लेकिन अभी इसके पूरे फैसले का इंतजार किया जा रहा है.
जस्टिस जगमोहन बंसल की खंड पीठ ने बुधवार को खुली अदालत में याचिका स्वीकार करने का फैसला किया था। उम्मीदवारों की ओर से याचिकाओं में दावा किया गया था कि उन्हें आयोग की तरफ से आरक्षण के लाभ से वंचित रखा गया था। इसके विपरीत विज्ञापन में जानकारी दी गई थी कि अगर कोई भी उम्मीदवार लेटेस्ट दस्तावेज अपलोड नहीं करेगा तो उनकी वेरिफिकेशन परिवार पहचान पत्र के अनुसार ही की जाएगी।
आयोग की तरफ से उन उम्मीदवारों को पिछड़े वर्ग का लाभ देने से वंचित रखा गया, जिन्होंने अपने सर्टिफिकेट या तो अपलोड ही नहीं किए थे या फिर पुरानी तारीख के बने हुए प्रमाण पत्र अपलोड किए थे। वही, आयोग ने परिवार पहचान पत्र से भी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है। एक उम्मीदवार गुरदीप सिंह ने बताया कि पुलिस भर्ती में उम्मीदवारों को आयोग ने लाभ से वंचित कर दिया था
तब वह सीएम नायब सैनी उनके राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण, भारतीय मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, हरियाणा के एडवोकेड जनरल बलदेव राज महाजन और आयोग हर किसी के पास गए थे, लेकिन किसी ने भी उनकी समस्या का समाधान नहीं निकाला। उसके बाद लास्ट में उन्हें थक हार कर अपने अधिकारों के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।
इन भर्तियों पर होगा असर
पुलिस सिपाही के 6 हजार पदों की भर्ती,
जूनियर इंजीनियर पदों की भर्ती,
दो बड़े ग्रुपों की भर्ती में आयोग की ओर से पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों में से उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया था। जिनके सर्टिफिकेट पुराने थे, अपलोड नहीं किए गए थे। सैकड़ो उम्मीदवार ऐसे है जिन्होंने यह शिकायत दायर की थी। अब विस्तृत फैसले का इंतजार किया जा रहा है, तब पता चलेगा कि इस फैसले से किन-किन लाभार्थीयो में किस प्रकार का बदलाव होगा।