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Kayachikitsa Department CME Conclusion; कुरुक्षेत्र। श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के काय चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित साप्ताहिक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। कार्यक्रम के अंतिम दिन नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (NCISM) के चेयरमैन प्रो. बी.एल. मेहरा और राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, पपरोला के प्रिंसिपल प्रो. विजय चौधरी ने विषय विशेषज्ञों के रूप में अपने विचार रखे।
प्रो. बी.एल. मेहरा ने मधुमेह विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि भारत में प्रत्येक 11वां व्यक्ति इस रोग से प्रभावित है। उन्होंने नियमित व्यायाम, नियंत्रित खानपान और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों को अपनाने पर बल दिया।
वहीं, दूसरे सत्र में प्रो. विजय चौधरी ने हृदय रोग और उच्च रक्तचाप पर जानकारी दी। उन्होंने असंतुलित खानपान, तनाव और बदलती जीवनशैली को इन रोगों के प्रमुख कारण बताया। साथ ही, उन्होंने ईसीजी जांच की उपयोगिता समझाते हुए कहा कि समय रहते जांच कराने से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों और संतुलित आहार को उच्च रक्तचाप की रोकथाम और प्रबंधन में अत्यंत लाभकारी बताया।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि काय चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित यह सीएमई आयुर्वेदिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और शोध की दिशा में सार्थक कदम है। कुलपति ने चिकित्सकों और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे विशेषज्ञों से प्राप्त ज्ञान को व्यावहारिक जीवन में लागू कर मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराएं। इस अवसर पर काय चिकित्सा विभाग की चेयरपर्सन प्रो. नीलम, एसोसिएट प्रो. नेहा लांबा, सहायक प्रो. प्रीति गहलावत समेत अन्य संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।