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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश की ‘लुटेरी दुल्हन’ काजल को आखिरकार एक साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राजस्थान के सीकर जिले की पुलिस ने उसे गुरुग्राम के सरस्वती इन्क्लेव से दबोचा, जहां वह अंकित नामक व्यक्ति के घर में किराए पर रह रही थी। गिरफ्तारी के वक्त काजल जींस और टी-शर्ट में थी और पुलिस कस्टडी में भी मुस्कुराती नजर आई।
फर्जी शादी कर लाखों लेकर फरार होती थी
मथुरा के गोवर्धन निवासी काजल तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में सक्रिय थी। वह अविवाहित युवकों को शादी का झांसा देकर फंसाती और शादी के बाद गहने-नकदी लेकर फरार हो जाती थी। सीकर जिले के दांतारामगढ़ थाना क्षेत्र के ताराचंद जाट ने नवंबर 2024 में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि काजल के पिता भगत सिंह ने दोनों बेटियों काजल और तमन्ना की शादी उनके बेटों से तय कर 11 लाख रुपये लिए हैं। 21 मई 2024 को जयपुर के खाचरियावास में धूमधाम से शादी हुई, लेकिन तीसरे दिन ही काजल और उसका परिवार गहने और नकदी लेकर भाग गया।
संगठित ठगी गिरोह चला रहा था परिवार
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह पूरा परिवार ठगी का संगठित गिरोह चला रहा था। पुलिस पहले ही काजल के पिता भगत सिंह, मां सरोज देवी, भाई सूरज और बहन तमन्ना को गिरफ्तार कर चुकी है। काजल पिछले एक साल से लगातार ठिकाने बदलकर पुलिस को चकमा दे रही थी।
मोबाइल लोकेशन से पकड़ी गई
एएसआई पूरणमल की अगुवाई में टीम ने मोबाइल लोकेशन और तकनीकी निगरानी से काजल की लोकेशन ट्रेस की। गुरुग्राम पुलिस के सहयोग से सीकर पुलिस ने गली नंबर दो में छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार काजल ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पूछताछ में काजल ने पुलिस को बताया कि पिता भगत सिंह ने युवकों की तलाश के लिए एक सुनियोजित नेटवर्क बनाया था। ये लोग ऐसे परिवारों को निशाना बनाते थे, जहां शादीशुदा उम्र के युवक हों और परिवार के पास पर्याप्त पैसा हो। शादी के बाद दो-तीन दिन साथ रहकर यह गिरोह गहने और नकदी लेकर फरार हो जाता था। जांच अधिकारी पूरणमल ने बताया कि गिरोह के और भी मामलों का खुलासा हो सकता है। पुलिस अब नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।