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Mahaveer Bikaner Bhujia Bhandar Kurukshetra; क्या आपसे भी मिट्ठा और नमकीन खाए बिना नहीं रहा जाता ? अगर हां, तो मैं भी वैसा ही हूं। मिठाई दिखी नहीं कि मन उछल पड़ता है और नमकीन का डिब्बा खुला नहीं कि हाथ अपने आप चल पड़ता है। कई जगहें देखीं, कई स्वाद चखे, लेकिन 2018 में एक दिन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में कुछ ऐसा मिला, जिसने मेरी जुबान पर हमेशा के लिए अपनी पहचान छोड़ दी।
बीकानेर वाले राजपुरोहित:-स्वाद की वह खोज जो खत्म ही नहीं होती, उस दिन पता चला कि बीकानेर वाले राजपुरोहितों की शॉप खुली है। सोचा- चलो, एक बार ट्राई करते हैं।
बस… मांगी लाल जी द्वारा दी गई मिठाई की पहली बाइट ली और लगा जैसे स्वाद सीधे राजस्थान की गलियों से होकर दिल तक पहुंच गया। तब से आज तक अगर मुझे कुछ अलग तरह की नमकीन या देसी घी से बनी स्पेशल मिठाई खानी होती है, तो मेरे कदम सीधे पहुंच जाते हैं-
👉 महावीर बीकानेर भुजिया भंडार
जो पिपली-कुरुक्षेत्र रोड पर आंबेडकर चौक के ठीक सामने है (कैसल मॉल के सामने)।
यहां आपको मिलेंगे:- 100 से ज़्यादा तरह की नमकीनें और दर्जनभर से अधिक किस्म की मिठाइयां।
यही नहीं, इनकी दूसरी शॉप रेलवे रोड पर गोल बैंक के पास भी है। और यकीन मानिए, एक बार खा लिया तो देसी घी की खुशबू और राजपुरोहित मांगी लाल और शिव सिंह की बनाई मिठाई का स्वाद कभी नहीं भूलेंगे।
दिवाली स्पेशल–फ्रूट प्लस ड्राईफ्रूट नमकीन और देसी घी पंजीरी
अब आते हैं असली बात पर-
क्या आपने फ्रूट प्लस ड्राईफ्रूट नमकीन खाई है?
कई ब्रांड्स की तो मैंने भी चखी हैं,
पर जो स्वाद बीकानेर वाले राजपुरोहितों ने बनाया…
वो पहली बार किसी नमकीन में “मिठास और करारापन” दोनों का परफेक्ट मेल लगा।
मांगी लाल राजपुरोहित ने इस दिवाली पर स्पेशल पेशकश की है-
🌰 फ्रूट प्लस ड्राईफ्रूट नमकीन
🍯 देसी घी की पंजीरी पिन्नी
मैंने तो स्वाद चख लिया, अब आपकी बारी है और हां, जब जाएं तो भूखे ही जाएं, क्योंकि ये राजपुरोहित दिल से खिलाते हैं- जब तक आपका पेट न भर जाए, तब तक उनका प्यार (और पकवान) बंद नहीं होता ! 😋
🪔 1965 से हरियाणा में ‘स्वाद’ की परंपरा
राजपुरोहित परिवार की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है जितनी उनकी मिठाइयां। 1965 में नारायण किसतूर सिंह राजपुरोहित अंबाला पहुंचे और लोगों को बीकानेर का असली स्वाद चखाया। उसी साल पटियाला में भी उनकी शॉप शुरू हुई। कुरुक्षेत्र में 2018 में मांगी लाल और उनके छोटे भाई शिव सिंह राजपुरोहित ने नई शुरुआत की और देखते ही देखते स्वाद की ये परंपरा पूरे जिले में मशहूर हो गई।
मांगी लाल बताते हैं कि 1981 से वे तरह-तरह की नमकीनों पर एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। आज उनके पास 100 से अधिक नमकीन वैरायटीज़ हैं। उनके बेटे पवन, महेश और अंकुल सिंह भी इस स्वाद की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
अगर आप कुरुक्षेत्र में रहते हैं और अब तक इस स्वाद से वंचित हैं, तो आप सिर्फ़ “खाना” नहीं, बल्कि “एक अनुभव” मिस कर रहे हैं। इस दिवाली, मिठाई की जगह एक बार फ्रूट ड्राईफ्रूट नमकीन ज़रूर ट्राई कीजिए, क्योंकि राजपुरोहितों का स्वाद सिर्फ़ जुबान पर नहीं, दिल में उतर जाता है। ❤️