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Haryana News: हरियाणा सरकार द्वारा जारी करप्ट 370 पटवारियों की लिस्ट को लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल तक जवाब दायर करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट के वकील साहिब जीत सिंह संधू द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि इस सूची के सार्वजनिक डोमेन में लीक होने के बाद विभिन्न मीडिया आउटलेट्स ने इसे बिना किसी सत्यापन के प्रकाशित किया। यह भी कहा गया है कि बिना किसी आधिकारिक जांच के व्यक्तियों को करप्ट बताना उनके अधिकारों का उल्लंघन है और यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के एक उप अधीक्षक रैंक के अधिकारी को ‘भ्रष्ट’ पटवारियों की सूची सार्वजनिक डोमेन में लीक होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
हालांकि, हरियाणा सरकार ने अपने भेजे जवाब में यह स्वीकार किया है कि यह विभाग का सबसे गोपनीय दस्तावेज था।
हरियाणा सरकार का एक सीक्रेट दस्तावेज 14 जनवरी को लीक हुआ था। यह भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट थी। 14 जनवरी की इस रिपोर्ट में प्रदेश के 370 पटवारियों को भ्रष्ट करार दिया गया था। सरकार ने इस लिस्ट में दावा किया था कि ये पटवारी पैमाइश, इंतकाल, रिकॉर्ड ठीक करने और नक्शा पास कराने के बदले भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
इनमें से 170 पटवारी ऐसे हैं, जिन्होंने अपने सहायक तक रखे हुए हैं। जिला वाइज लिस्ट में पटवारियों की जाति तक दर्ज की गई है।
याचिका में यह कहा गया है कि विभाग ने बावजूद इसके कि सूची एक गोपनीय दस्तावेज था, इसके अवैध खुलासे को रोकने में विफलता दिखाई है। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया कि वह इस सूची को तुरंत सार्वजनिक डोमेन से वापस लिया जाए और आगे इसकी कोई भी जानकारी प्रकाशित या प्रसारित न हो।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की कि इस लीक के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए एक स्वतंत्र जांच की जाए।